V.S. अच्युतानंदन का 101 साल की उम्र में निधन – केरल की राजनीति का लाल सितारा बुझा

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“V.S. अच्युतानंदन का 101 साल की उम्र में निधन – केरल की राजनीति का लाल सितारा बुझा”


पूर्व मुख्यमंत्री और जनता के प्रिय नेता वी.एस. अच्युतानंदन का निधन 101 वर्ष की उम्र में हुआ। पढ़ें उनके जीवन, संघर्ष और आखिरी दिनों की पूरी कहानी।


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Table of Contents

1. कौन थे वी.एस. अच्युतानंदन?

वी.एस. अच्युतानंदन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वे न सिर्फ राजनीतिक कार्यकर्ता थे बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे।

🔹 जन्म: 20 अक्टूबर 1923
🔹 निधन: 21 जुलाई 2025 (उम्र 101 वर्ष)
🔹 पार्टी: सीपीआई (एम)
🔹 पद:

  • मुख्यमंत्री (2006–2011)
  • नेता विपक्ष (1991–1996, 2001–2006, 2011–2016)

2. निधन की पुष्टि – क्या हुआ था?

उनका निधन सोमवार सुबह तिरुवनंतपुरम स्थित उनके बेटे V. Arun Kumar के घर पर हुआ।
2019 में उन्हें स्ट्रोक हुआ था, तब से वे सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह दूर थे।
वे मेडिकल देखरेख में थे और पिछले कुछ वर्षों से बेहद कमजोर थे।


3. अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की जानकारी

🔸 पार्थिव शरीर को जनता के अंतिम दर्शन के लिए तिरुवनंतपुरम के सचिवालय परिसर में रखा जाएगा।
🔸 अंतिम संस्कार मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।


4. क्यों खास थे वी.एस. अच्युतानंदन?

जनता के नेता: वे हमेशा गरीब, किसान, दलित और पीड़ितों के लिए खड़े रहे।
ईमानदारी की मिसाल: भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस।
प्रभावी विपक्ष: हर बार सत्तारूढ़ पार्टी को तगड़ी टक्कर दी।
टेक्नोलॉजी फ्रेंडली: Kerala IT Mission और Akshaya Project जैसी योजनाओं की शुरुआत उन्हीं ने की।
वामपंथी संघर्ष के प्रतीक: आज़ादी के बाद केरल में मार्क्सवाद को मुख्यधारा में लाने में उनका बड़ा योगदान रहा।


5. उनके बारे में जनता क्या सोचती थी?

“VS ना होते तो केरल में वामपंथ की जड़ें इतनी मजबूत नहीं होतीं।”

“वो नेता जो हमेशा आम आदमी की आवाज़ बना।”

“सरल जीवन, उच्च विचार – यही थे अच्युतानंदन।”


6. राजनीतिक यात्रा की मुख्य उपलब्धियाँ

वर्षपदमुख्य योगदान
1991–1996नेता विपक्षभ्रष्टाचार विरोधी अभियान
2006–2011मुख्यमंत्रीभूमि सुधार, IT अभियान
2011–2016नेता विपक्षजनहित याचिकाओं का समर्थन

7. क्या उनकी विचारधारा आज भी ज़िंदा है?

बिलकुल! केरल की नई पीढ़ी में भी उनकी ईमानदारी और संघर्ष से प्रेरणा ली जाती है। उनकी छवि “लाल झंडे के सबसे बड़े सिपाही” के रूप में अमर है।


8. V.S. अच्युतानंदन की विरासत – आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

✅ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार
✅ सच्चे विपक्ष की भूमिका निभाना
✅ भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक मजबूत आवाज
✅ जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहना


9. सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया

पिनराई विजयन (CM, Kerala):

“VS कॉमरेड सिर्फ एक नाम नहीं, एक विचारधारा थे। उन्होंने हमें संघर्ष और समर्पण सिखाया।”

PM Narendra Modi:

“भारत ने एक महान नेता खो दिया है। अच्युतानंदन जी का संघर्ष और योगदान अमर रहेगा।”

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वी.एस. अच्युतानंदन की मौत कब हुई?

उत्तर: उनका निधन 21 जुलाई 2025 को तिरुवनंतपुरम में हुआ।

वी.एस. अच्युतानंदन की उम्र कितनी थी?

उत्तर: 101 वर्ष।

वे कब मुख्यमंत्री थे?

उत्तर: 2006 से 2011 तक वे केरल के मुख्यमंत्री रहे।

क्या उनकी तबीयत पहले से खराब थी?

उत्तर: 2019 में स्ट्रोक के बाद वे पूरी तरह से सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे।


अच्युतानंदन का 101 साल की उम्र में निधन 2025 Bahut hi dukhad ghatna



🔴 Final Note (for Footer Section):

VS अच्युतानंदन जैसे नेता बार-बार नहीं जन्म लेते। उन्होंने दिखा दिया कि राजनीति में भी सच्चाई, ईमानदारी और जनता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म होता है। उनके विचारों को ज़िंदा रखने का सबसे अच्छा तरीका है — उन्हें याद रखना और उनके रास्ते पर चलना।

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