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Raksha Bandhan 2025 – भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व

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Raksha Bandhan 2025

Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व


Raksha Bandhan 2025 का पर्व इस साल खास संयोग में मनाया जाएगा। जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, इतिहास और इस दिन का महत्व, ताजा अपडेट के साथ।


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Raksha Bandhan 2025



Raksha Bandhan 2025 – भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व

भारत में भाई-बहन के प्यार और रक्षा के वचन का सबसे बड़ा पर्व रक्षा बंधन है। यह दिन भाई और बहन के बीच के स्नेह, विश्वास और साथ निभाने की परंपरा का प्रतीक है। 2025 में यह त्योहार और भी खास है क्योंकि इस साल यह शुभ योग में मनाया जाएगा।


Raksha Bandhan 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त


रक्षा बंधन का महत्व

रक्षा बंधन का मतलब है – रक्षा का बंधन। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व केवल रिश्तेदारों तक सीमित नहीं, बल्कि दोस्त, गुरु-शिष्य और यहां तक कि पड़ोसी भी इसे मना सकते हैं।


पूजा विधि

  1. सुबह स्नान के बाद घर को साफ-सुथरा करें।
  2. पूजा थाली में राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखें।
  3. भाई को तिलक लगाकर राखी बांधें।
  4. मिठाई खिलाकर लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करें।

रक्षा बंधन की पौराणिक कथा

कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण का हाथ महाभारत के युद्ध में घायल हुआ तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा बांध दिया। इससे कृष्ण ने जीवन भर उसकी रक्षा का वचन दिया।


2025 में खास क्यों है Raksha Bandhan?


Raksha Bandhan 2025 से जुड़े टिप्स


FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. Raksha Bandhan 2025 कब है?
➡️ 11 अगस्त 2025, सोमवार को।

Q2. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?
➡️ सुबह 09:14 बजे से शाम 05:32 बजे तक।

Q3. क्या भद्रा काल में राखी बांधी जा सकती है?
➡️ नहीं, भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही राखी बांधनी चाहिए।


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Raksha Bandhan 2025 – रिश्तों में मिठास और परंपरा का संगम

रक्षा बंधन भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के रिश्ते में नई ऊर्जा और प्रेम का संचार करता है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं, जबकि भाई बहन की रक्षा का वचन देते हैं। यह त्योहार केवल हिंदू समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि अलग-अलग धर्म और समुदायों के लोग भी इसे प्रेम से मनाते हैं।


रक्षा बंधन का सामाजिक महत्व

रक्षा बंधन सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। कई बार बहनें सिर्फ अपने सगे भाई को नहीं, बल्कि मित्र, पड़ोसी, गुरु या सैनिकों को भी राखी बांधती हैं। यह परंपरा बताती है कि सुरक्षा और स्नेह का बंधन खून के रिश्तों से भी आगे बढ़कर समाज के हर व्यक्ति को जोड़ सकता है।


रक्षा बंधन और भारतीय संस्कृति

भारत की संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है, और रक्षा बंधन उन त्योहारों में है जो पूरे देश को एक धागे में पिरो देता है। पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र से लेकर दक्षिण भारत तक यह पर्व अलग-अलग नाम और तरीकों से मनाया जाता है। कहीं इसे ‘सलूनो’ कहते हैं तो कहीं ‘राखी पूर्णिमा’।


रक्षा बंधन पर विशेष व्यंजन

इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं, जैसे –

ये व्यंजन सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि त्योहार की खुशियों को दोगुना कर देते हैं।


रक्षा बंधन और पर्यावरण

पिछले कुछ सालों में राखियों में पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ गया है। 2025 में कोशिश करें कि राखी इको-फ्रेंडली हो – जैसे कपड़े, सूती धागे, या बीज वाली राखी जो बाद में पौधा बन सके। यह न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि त्योहार को और अर्थपूर्ण बना देगा।


रक्षा बंधन और सैनिक

भारत के कई इलाकों में बहनें इस दिन सीमा पर तैनात सैनिकों को राखी भेजती हैं। यह देश की रक्षा करने वाले भाइयों के प्रति सम्मान और आभार का प्रतीक है। 2025 में भी कई संगठन और महिलाएं सैनिकों तक राखी पहुंचाने की योजना बना रही हैं।


त्योहार को और खास बनाने के टिप्स

  1. राखी को खुद बनाकर त्योहार को पर्सनल टच दें।
  2. पुराने पारिवारिक फोटो देखकर यादें ताज़ा करें।
  3. बहनें भाई के लिए पसंदीदा डिश बनाएं।
  4. भाई बहन को सिर्फ उपहार ही नहीं, बल्कि समय और ध्यान भी दें।

निष्कर्ष

रक्षा बंधन 2025 सिर्फ एक तारीख या धार्मिक रस्म नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब हम रिश्तों में प्यार, सम्मान और जिम्मेदारी का भाव भर सकते हैं। चाहे आप अपने सगे भाई-बहन के साथ हों या दूर, राखी का धागा दूरी को भी कम कर देता है। इस साल के इस पावन पर्व को प्यार, एकता और जिम्मेदारी के साथ मनाएं, और इस परंपरा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।



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