दीवाली 2025, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और
सबसे अधिक उल्लास से मनाया जाने वाला पर्व है।
यह प्रकाश का त्यौहार है जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। “दीपावली” शब्द संस्कृत के “दीप” और “आवली” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “दीपों की पंक्ति”।
यह पर्व पाँच दिनों तक मनाया जाता है — धनतेरस से लेकर भाई दूज तक
। इनमें सबसे प्रमुख दिन होता है अमावस्या का दिन
, जब माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन हर घर दीपों की रौशनी से जगमगाता है और वातावरण में सकारात्मकता, उल्लास और भक्ति का संगम होता है।
🌺 भाग 2: दीवाली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
दीवाली केवल एक त्योहार नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो सदियों से भारतीय संस्कृति की आत्मा में बसता है।
इस पर्व के पीछे कई धार्मिक कथाएँ और मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं:
1️⃣ भगवान राम की अयोध्या वापसी
दीपावली का सबसे प्रसिद्ध कारण है — भगवान श्रीराम का
चौदह वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटना। जब भगवान राम,
माता सीता और लक्ष्मण रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। उसी दिन से दीपावली “प्रकाश पर्व” के रूप में मनाई जाती है।
2️⃣ माता लक्ष्मी का प्रकट होना
समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश निकला, उसी समय माता लक्ष्मी का भी प्राकट्य हुआ। इसी कारण दीवाली की रात माता लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है ताकि घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहे।
3️⃣ भगवान विष्णु और बलि राजा की कथा
कुछ स्थानों पर दीवाली को भगवान विष्णु के वामन अवतार से भी जोड़ा जाता है, जब उन्होंने बलि राजा को पाताल लोक भेजा और देवताओं को पुनः उनका अधिकार दिलाया।
4️⃣ महावीर जयंती और गुरु नानक जयंती संबंध
जैन धर्म में दीवाली भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाई जाती है। सिख धर्म में यह दिन गुरु हरगोविंद जी की कारावास मुक्ति के रूप में विशेष महत्व रखता है।
🌷 भाग 3: दीवाली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
🗓️ तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
🌕 तिथि: कार्तिक अमावस्या
🕯️ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: सायं 6:48 बजे से 8:22 बजे तक
⏳ अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2:52 बजे
📿 अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 4:10 बजे
👉 इस शुभ समय पर लक्ष्मी गणेश की पूजा करने से घर में धन, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है।
🪔 Diwali 2025: जानिए कब है दीपावली पूजा, शुभ मुहूर्त और पूरी विधि
भारत में दिवाली का पर्व हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। Diwali 2025 इस बार और भी खास होने वाली है क्योंकि यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना का प्रतीक है। इस दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है, नए वस्त्र पहने जाते हैं और धन की देवी लक्ष्मी जी से समृद्धि की कामना की जाती है।
✨ दीपावली 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
साल 2025 में दीपावली (Diwali) का त्योहार 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:50 बजे से 8:20 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
🙏 दीवाली पूजा विधि (Step-by-Step)
- घर की सफाई और सजावट करें: दीपावली से पहले घर को अच्छे से साफ करें और रंगोली व दीपों से सजाएँ।
- पूजा स्थान तैयार करें: उत्तर दिशा में एक स्वच्छ स्थान पर लकड़ी की चौकी रखें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएँ।
- देव प्रतिमा स्थापित करें: चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की मूर्तियाँ स्थापित करें।
- पूजा सामग्री रखें: फूल, दीपक, अगरबत्ती, चावल, मिठाई, जल, कलश, सिक्के और सुपारी आदि तैयार रखें।
- पूजा आरंभ करें: सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, फिर लक्ष्मी जी की आराधना करें।
- मंत्रोच्चारण करें:
- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
- “ॐ गं गणपतये नमः।”
- आरती करें और प्रसाद बांटें: अंत में दीपक जलाकर आरती करें और परिवार व पड़ोसियों को प्रसाद वितरित करें।
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दीवाली केवल दीप जलाने का त्योहार नहीं, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। इसलिए दीपों से नगर को सजाया गया था।
📢 Taaja Update सलाह
इस दीपावली पर सिर्फ घर ही नहीं, दिलों को भी रोशन करें। परिवार और मित्रों के साथ समय बिताएँ, जरूरतमंदों को दान दें और प्रकृति के अनुकूल eco-friendly Diwali मनाएँ।
